- बड़े खुलासे की संभावना,
- अन्य हिरणों की हत्या की आशंका
- वन कस्टडी में पूछताछ
- वन विभाग को हाथ लगी जानकारी
Aarvi अर्वि, 9 जुलाई : हिरण के शिकार मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से वन विभाग की पूछताछ के दौरान बड़े राज खुलने की संभावना है। यह घटना 4 जुलाई की है, जब तीनों आरोपी टाकरखेड़ा से शिरपुर रोड पर एक नहर के पास खड़े हिरण को जाल बिछाकर मारने के प्रयास में पकड़े गए थे। हिरण की हत्या के बाद, उन्होंने उसे दूसरी जगह ले जाकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उसकी मांस की बिक्री के लिए एक विशेष स्थान पर अपने नियमित ग्राहकों को बुलाने की योजना बनाई।
आर्वी के वनपरिक्षेत्र अधिकारी नितिन जाधव को इस मामले की थोड़ी जानकारी मिलते ही, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। नितिन जाधव और उनकी टीम ने आरोपियों की तलाश शुरू की और उनमें से एक आरोपी को उसके दिवसा स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, विभिन्न प्रयासों के माध्यम से अन्य दो आरोपियों को भी सीताफिने से गिरफ्तार कर लिया गया।
चीतल की हत्या का स्थल और उसके टुकड़े-टुकड़े करने का स्थल अलग-अलग थे। इन दोनों स्थानों का पंचनामा कर वन विभाग द्वारा आगे की जांच की जा रही है।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीनों आरोपी – जीवन अंबादास राठोड़, राजू रणछोड़ राठोड़ (निवासी पाचोड), और दारासिंग लंगरसिंग बावरी (निवासी आनंदवाड़ी, तिवसा) ने चीतल की हत्या की योजना बनाई थी। उन्होंने तय किया था कि चीतल का निपटान कैसे किया जाएगा और इसके लिए तेज धार वाले हथियार अपने पास रखे थे। आरोपियों ने वनपरिक्षेत्र अधिकारी नितिन एस. जाधव को घटनास्थल पर कबूल किया कि उन्होंने चीतल को मारने के लिए इन हथियारों का उपयोग किया था।
वन विभाग की इस कार्रवाई से अन्य हिरणों की हत्या के बारे में और सुराग मिलने की उम्मीद है, जिससे इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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