- पालकमंत्री भोयर ने मुख्यमंत्री से अपील
wardha वर्धा: 13 दिसम्बर
राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रतिवर्ष प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए राज्य में एकमात्र केंद्र दौंड (जि. पुणे) में है, जिसकी क्षमता सीमित है। वर्तमान स्थिति में दूसरा केंद्र आवश्यक है। वर्धा में यह केंद्र स्थापित किया जाए, ऐसी मांग वर्धा के पालकमंत्री व राज्य के गृहमंत्री (ग्रामीण) डॉ. पंकज भोयर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष रखी है।
महाराष्ट्र राज्य रिजर्व पुलिस बल में वर्तमान में 20 गटों में लगभग 26 हजार अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 2,500 से 3,000 को नियमित वार्षिक प्रशिक्षण देना आवश्यक है। पूरे राज्य के लिए केवल एक प्रशिक्षण केंद्र दौंड (पुणे) में है, जिसकी क्षमता प्रति वर्ष 1,500 लोगों तक सीमित है। इससे निर्धारित प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा नहीं हो पा रहा। साथ ही, पूरे राज्य के कर्मचारियों को दौंड जाना पड़ता है, जिससे विशेषकर विदर्भ के मानवबल का समय नष्ट होता है।
नागपुर व अमरावती संभागों में एसआरपीएफ के 11 गट कार्यरत हैं, जिनमें 9,000 से 10,000 अधिकारी व कर्मचारी हैं। वर्धा में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होने से इन सभी गटों के कर्मचारियों को स्थानीय स्तर पर नियमित प्रशिक्षण मिल सकेगा। इससे दौंड केंद्र का बोझ कम होगा और विदर्भ के सभी गटों का वार्षिक प्रशिक्षण सुगम होगा। पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने विदर्भ के सभी गटों के लिए वर्धा में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की मंजूरी देने की मांग की है।
वर्धा पर देश के नक्शे पर चिह्नित होगा एसआरपीएफ केंद्र
देश के नक्शे पर वर्धा में एसआरपीफ प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की मांग की गई है। यह केंद्र जिले में रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। वर्धा के विकास के लिए भाजपा सरकार ने हमेशा पहल की है। यदि निकट भविष्य में यह केंद्र मंजूर हुआ तो यह वर्धा के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय होगा।
- डॉ. पंकज भोयर, पालकमंत्री व गृहमंत्री (ग्रामीण), महाराष्ट्र राज्य।
