wardha वर्धा,10 दिसम्बर
समुद्रपुर (जाम) में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मामले में नागपुर हाईकोर्ट में 8 दिसंबर को केंद्र और राज्य सरकार ने अपने वकीलों के माध्यम से जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा है। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेज को जाम में बनाए जाने के निर्णय के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। 10 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने जिलाधिकारी वर्धा सहित केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित विभागों के प्रमुखों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। (wardha Government medical collage)
न्यायालय के आदेश के तहत 8 दिसंबर को केंद्र और राज्य सरकार को मेडिकल कॉलेज वर्धा से हटाकर जाम में बनाने के संबंध में न्यायाधीश अनिल किलोर और न्यायाधीश रजनीश व्यास के समक्ष जवाब प्रस्तुत करना था। लेकिन कोर्ट में प्रशासन के वकीलों ने जवाब तलब करने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा। याचिका के अनुसार, सरकारी मेडिकल कॉलेज को हिंगणघाट में मंजूरी दी गई थी, लेकिन भूमि को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। इस विवाद पर सितंबर 2024 में चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय ने आदेश जारी कर निर्णय लिया कि 100 प्रवेश क्षमता और 430 बेड का अस्पताल समुद्रपुर तहसील के जाम में कृषि विभाग की जमीन पर स्थापित किया जाएगा। (wardha Government medical collage)
भूमि विवाद को देखते हुए एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। इस समिति ने हिंगणघाट तहसील में तीन-चार जमीनों का निरीक्षण किया, जिसमें समुद्रपुर की जाम गांव की जमीन का भी समावेश था। जाम में कृषि विभाग की जमीन को उपयुक्त मानते हुए उस पर मुहर लगा दी। इसलिए मेडिकल कॉलेज को जाम की बजाय वर्धा में बनाने की मांग को लेकर यह याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता वीर अशोक सम्राट संघटना के संस्थापक अध्यक्ष विक्की महेंद्र सवाई (विक्की सवाई) अपनी याचिका की पैरवी खुद कर रहे हैं। सरकार की ओर से एडवोकेट मुग्धा चांदूरकर, एडवोकेट एस.एम. उके उपस्थित हुए थे। माननीय न्यायाधीश ने अगली सुनवाई 12 जनवरी 2026 को निर्धारित की है। (wardha Government medical collage)
