- वर्धा में मिले 192 करोड़ के ड्रग्ज पर उठे सवाल
- पुलिस कार्यप्रणाली पर लगाया प्रश्नचिह्न
wardha वर्धा, 10 दिसम्बर
महात्मा गांधी के विचारों का वारिस वर्धा जिले के ग्रामीण भागों में, विशेषकर करंजा (घा.) में ‘ड्रग्स’ की भयावहता पहुंचने से खलबली मच गई है। यह समस्या अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं रही। ‘डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस’ (DRI) ने करंजा (घा.) में की गई बड़ी छापेमारी में अत्यंत घातक मेफेड्रोन (MD) नशीले पदार्थ का 192 करोड़ रुपये का स्टॉक जब्त किया। ‘गांधी जिला’ और शराबबंदी की पहचान वाले वर्धा में करोड़ों के ड्रग्स पकड़े जाना जिले के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
इस धक्कादायक घटना की गंभीरता समझते हुए विधायक सुमित वानखेड़े ने तत्काल विधानसभा में मुद्दा उठाया। DRI की करंजा (घा.) कार्रवाई में मेफेड्रोन का 192 करोड़ का स्टॉक बरामद हुआ। सदन में कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा, “यह विष अब किसानों के बेटों के द्वार पर पहुंच चुका है, जो युवाओं का जीवन नष्ट कर देगा।”
विधायक वानखेड़े ने प्रशासन की भूमिका पर तीव्र नाराजगी जताई। केवल आरोपियों को पकड़कर न रुकें, बल्कि नशाखोरी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का मूल से उखाड़ फेंकें, ऐसी मांग की। “करोड़ों के ड्रग्स बनाने के लिए कच्चा माल करंजा तक पहुंचना बड़े संगठित रैकेट का संकेत है। युवा पीढ़ी को व्यसन के जाल से बचाना, लोगों का जीवन रक्षा करना और गांधी जिले की छवि बचाने के लिए दोषियों पर तत्काल कठोर कानूनी कार्रवाई करें,” वे आक्रामक ढंग से बोले।
विधायक सुमित वानखेड़े की यह संवेदनशीलता और विधानसभा में जनता के ज्वलंत मुद्दे पर ली गई दृढ़ भूमिका उनके प्रभावी नेतृत्व का प्रमाण है। उनकी मांग से राज्य सरकार और गृह विभाग पर 192 करोड़ के ड्रग्स कांड की गहन जांच कर संकट पर नियंत्रण पाने का दबाव बढ़ गया है। पूरा जिला उनके प्रयासों का स्वागत कर रहा है और आगे की कठोर कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहा है।
