महीनों बाद खोए हुए बालक को मिली माता पिता की गोद

wardha वर्धा, 24 नवंबर
6 महीने पहले आठ वर्ष का बालक वर्धा स्टेशन पर एक ट्रेन में बिना किसी अभिभावक के पाया गया था। जिला बाल संरक्षण कक्ष के अथक प्रयासों से इस बालक को उसके तेलंगाना स्थित माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है।

तेलंगाना का आठ वर्ष के बच्चे को 28 मई को वर्धा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में अकेला पाया गया था ।बच्चे के पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण कक्ष और संबंधित संस्थाओं द्वारा लगातार प्रयास किए गए। इस दौरान बच्चे का आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू की गई और उसके बारे में जानकारी समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई। बाद में बातचीत के दौरान बच्चे ने “निर्मल” शब्द कहा, जिससे खोज का दूसरा चरण शुरू हुआ।

निर्मल जिले (तेलंगाना) की बाल कल्याण समिति और जिला बाल संरक्षण कक्ष से संपर्क कर बच्चे के संबंध में जानकारी साझा की गई। बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार वर्धा बाल संरक्षण कक्ष द्वारा निर्मल के जिला बाल संरक्षण अधिकारी से सामाजिक जांच रिपोर्ट मंगवाई गई।

चूँकि बच्चा तेलुगु भाषा बोलता था, इसलिए तेलंगाना राज्य की बाल कल्याण समिति, निर्मल को औपचारिक रूप से सूचना दी गई। वर्धा और निर्मल की बाल कल्याण समितियों के समन्वय से 19 नवंबर को बच्चे को निर्मल ले जाने का निर्णय लिया गया। समिति के आदेशानुसार बच्चे को उसके स्वगृह पहुँचाने के लिए एक टीम रवाना की गई। जांच के दौरान यह पता चला कि बच्चा तेलंगाना राज्य के कामारेड्डी जिले का निवासी है।

कामारेड्डी बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चे को प्रस्तुत किया गया। समिति द्वारा औपचारिक प्रक्रिया के बाद लापता बच्चे को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया। यह पूरी कार्यवाही बाल कल्याण समितियों (वर्धा, निर्मल, कामारेड्डी), जिला बाल संरक्षण कक्ष, बालगृह, पुलिस विभाग और चाइल्ड हेल्पलाइन के संयुक्त प्रयासों से सफलतापूर्वक पूरी की गई।इस प्रक्रिया में जिला महिला व बाल विकास अधिकारी मनीषा कुरसंगे की टीम शामिल हुई।

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