- समाजसेवी हरीश जी टावरी की स्मृति
- वर्धा में हुआ अनूठा आयोजन
- जीव दया का आदर्श माहेश्वरी समाज
Wardha वर्धा,8 नवम्बर
माहेश्वरी मंडल वर्धा के ट्रस्टी रहे स्वर्गीय हरीश टावरी की प्रथम पुण्यतिथि अवसर पर गोरक्षण स्थित गौशाला में विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में गायों को भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा स्वरूप 56 प्रकार के व्यंजन — सरकी, ढेप, हरी सब्जियां तथा विविध मिष्ठान्न — अर्पित किए गए।
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित कुलदीपजी शुक्ल के मधुर कंठ से संगीतमय सुंदरकांड पाठ के साथ हुई, जिसमें सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए। गायों के लिए विशेष चारा-पानी की व्यवस्था की गई तथा उनका विधिवत पूजन किया गया।इस अवसर पर परिवार के वरिष्ठ सदस्य एडवोकेट लूणकरण टावरी ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान भारत की समृद्धि का आधार गोवंश है तथा गाय, गंगा, गीता और गायत्री वैदिक धर्म की चार प्रमुख आधारशिलाएं हैं। गोपालन, गोसेवा, गोरक्षण और गोदान भारतीय संस्कृति के प्राण हैं।
माहेश्वरी मंडल के समन्वयक राजकुमार जाजू ने स्वर्गीय हरीश टावरी के समाजसेवी जीवन को याद करते हुए कहा कि वे ऐसे दानी थे, जो गुमनाम रहकर भी जनसेवा किया करते थे।कार्यक्रम का संचालन डॉ. सौ. ईशा टावरी ने किया, धन्यवाद ज्ञापन अभियंता विक्रम हरीश टावरी ने किया।
मंच का स्वागत डॉ. श्याम टावरी और श्रीमती हर्षा हरीश टावरी ने किया। कार्यक्रम की सफलता में माहेश्वरी महिला मंडल की सदस्याओं ने सक्रिय सहयोग दिया।
