किसानों की मदद के नाम पर दिखावा

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव अभ्युदय मेघे का आरोप

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Wardha वर्धा 11 अक्टूबर:
महाराष्ट्र शासन द्वारा किसानों के लिए घोषित मदद पैकेज पर डॉ. अभ्युदय मेघे ने तीव्र आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शासन का यह पैकेज केवल दिखावे का है और वास्तव में किसानों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा साबित होता है।

डॉ. मेघे ने कहा कि पैकेज में विविध शर्तें और अड़चनें रखी गई हैं, जिससे किसानों को दिवाली से पहले तत्काल कोई राहत नहीं मिलेगी। शासन ने जिरायती (सूखी) खेती के लिए केवल ₹8400 प्रति हेक्टेयर यानी लगभग ₹3500 प्रति एकड़ सहायता घोषित की है, जो अत्यंत अपर्याप्त है। वर्तमान में एक एकड़ खेती पर लगभग ₹50,000 से ₹60,000 तक खर्च आता है।

ऐसे में यह राशि किसानों की वास्तविक जरूरतों के अनुसार नगण्य है।उन्होंने बताया कि शासन ने रबी सीजन के लिए ₹10,000 प्रति हेक्टेयर की सहायता घोषित की है। लेकिन जब खरीफ सीजन में ही किसानों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है, तब वे रबी की खेती का खर्च कहां से उठाएंगे? वर्धा जिले जैसे इलाकों में तो रबी खेती केवल 20-25% जमीन पर होती है, जिससे 75% किसान इस सहायता से वंचित रहेंगे।

दुग्धारू पशुओं के नुकसान पर ₹37,000 की सहायता को भी अपर्याप्त बताते हुए कहा गया कि आज एक अच्छी गाय की कीमत ₹75,000 से ₹1,00,000 तक है।

डॉ. मेघे ने शासन से प्रति हेक्टेयर ₹50,000 और प्रति दुग्धारू पशु ₹75,000 की सहायता नकद रूप में सीधे किसानों के खातों में जमा करने तथा सभी शर्तों में ढील देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शासन को बड़े दावों के बजाय किसानों की वास्तविक समस्याओं पर ठोस कदम उठाने चाहिए।

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