IIT मद्रास का छात्र बना किसान

Wardha वर्धा , 21 जून। हिंगणघाट तहसील के इंझाला गाँव से पहली बार 8 टन से अधिक केले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की प्रमुख फल मंडी में भेजी गई हैं। यह उपक्रम IIT मद्रास के छात्र और युवा किसान अभिजीत रवीश सरोदे द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है। इस ऐतिहासिक पहल को हिंगणघाट तहसील की पहली बड़ी अंतर्राज्यीय केले आपूर्ति के रूप में देखा जा रहा है, जिस पर पूरे जिले को गर्व है।
अभिजीत ने पारंपरिक खेती की सीमाओं से आगे बढ़ते हुए वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग किया और उत्तम गुणवत्ता की केलें का उत्पादन किया। इस सफलता का श्रेय उचित फसल नियोजन, समय पर उर्वरक और सिंचाई प्रबंधन, और बाजार की गहन समझ को जाता है।
इस सफर में उन्हें ‘केळी रत्न’ कुंदन वाघमारे और प्रकाश सिंह बैस जैसे अनुभवी विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिसकी बदौलत उन्होंने केलें उत्पादन में कई नवाचार किए।
यह प्रयास यह सिद्ध करता है कि यदि युवाओं को आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण और मार्गदर्शन मिले, तो वे गाँव में रहकर भी लाभदायक खेती कर सकते हैं और शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करने की आवश्यकता नहीं है। इस कार्य में अभिजीत को उनकी माता मीनाक्षी रविश सरोदे, भाई श्याम सरोदे, सहयोगी अंकुश सायंकार और श्याम बोरकर का विशेष सहयोग मिला।
उनकी यह पहल इंझाला व आसपास के क्षेत्रों के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है। उन्होंने अपील की है कि अन्य युवा किसान भी नवीन पद्धतियों के साथ खेती में आगे आएं और अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त करें।

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