- 5 जून से काम बंद आंदोलन
- ऐन कृषि कार्यों के समय आंदोलन से होगी परेशानी
wardha वर्धा, 4 जून
महाराष्ट्र के विदर्भ प्रदेश में कृषि विभाग के लिपिकवर्गीय कर्मियों ने अपनी विविध लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल 5 जून से शुरू होने जा रही है। इससे पहले, 2 जून से 4 जून तक संगठन ने कलमबंद आंदोलन किया, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। संगठन के जिला उपाध्यक्ष अविनाश भागवत ने बताया कि प्रशासन की अनदेखी के चलते अब बेमियादी कामबंदी का रास्ता अपनाया जा रहा है।
महाराष्ट्र राज्य कृषि विभाग लिपिक संवर्ग संगठन के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन के तहत कई मांगें रखी गई हैं। इनमें सहायक अधीक्षक पद के सुधारित मांग के तहत कक्ष अधिकारी गट ब में समावेश, कर्मचारियों के किसी भी पद में कटौती न करना, आर्थिक बचत प्रस्ताव को मान्यता, सुधारित सेवा प्रवेश नियम तैयार करना, लिपिकवर्गीय प्रतिनियुक्ति के पदों की मंजूरी, वरिष्ठ लिपिक पद पदोन्नति से भरना, सहायक प्रशासकीय अधिकारी पद 75 फीसदी पदोन्नति व 25 फीसदी पदभर्ती से भरना आदि प्रमुख हैं।
यह आंदोलन गत 15 मई से जारी है। इस दौरान 16 मई से 28 मई तक काली फीता लगाकर विरोध जताया गया। 29 व 30 मई को धरना प्रदर्शन हुआ। 2 से 4 जून तक कलमबंद आंदोलन चला, लेकिन सरकार ने किसी भी मांग को मानने की ओर कोई कदम नहीं उठाया। इसी के चलते अब बेमियादी हड़ताल की घोषणा की गई है।
इस हड़ताल का असर खरीफ सीजन की शुरुआत में कृषि विभाग के कामकाज पर पड़ सकता है। किसानों को भी विभिन्न सेवाओं में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। संगठन का कहना है कि जब तक मांगें मान नहीं ली जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
