- पीड़िता को घर से बुलाकर ले गई थी
wardha वर्धा , 28 मई
नाबालिग बालिका से दुष्कर्म करने में पति की मदद करनेवाली पत्नी को भी जिला न्यायाधीश आर.वी. आदोने ने विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माने के साथ 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
आर्वी तहसील में 24 दिसंबर 2021 को पीड़िता के माता-पिता मजदूरी के लिए गए थे, तब पीड़िता और उसका भाई घर पर थे। दोपहर एक बजे आरोपी पति की पत्नी प्रिया पीड़िता को बुलाने उसके घर गई। उस समय आरोपी पति घर में ही मौजूद था। पीड़िता के आरोपी के घर जाने के कुछ देर बाद ही पत्नी ने बाहर से घर का दरवाजा बंद कर दिया और चली गई।
इसके बाद आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। शाम पांच बजे पीड़िता घर लौटी, लेकिन आरोपी के डर से उसने घरवालों को यह हादसा नहीं बताया।दूसरे दिन रात नौ बजे पीड़िता के पिता ने देखा कि उनकी बेटी डरी और सहमी हुई है। पूछताछ करने पर पीड़िता ने सच्चाई बयां की।
इसके बाद पीड़िता के पिता ने गांव के उप सरपंच के साथ आर्वी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। न्यायालय में जिला सरकारी वकील गिरीश तकवाले ने पैरवी की और आठ गवाह पेश किए गए।
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट आदि साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी पति मारोती (27 वर्ष) और उसकी पत्नी प्रिया को सश्रम कारावास, दोनों को 3-3 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना नहीं भरने पर एक महीने अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषियों को सख्त सजा दिए जाने की प्रवृत्ति को दर्शाता है ।
