- ढोंगी बाबा असलम खान पर मामला दर्ज
- सोना भी लूट लिया
Wardha वर्धा, 20 मई
परिवार पर काले जादू का अभिशाप होने का डर दिखाकर एक ढोंगी मौलवी ने अघोरी पूजा कराने के बहाने डेढ़ लाख रुपये की ठगी कर ली। यह घटना वर्धा जिले के समीपस्थ इंजापुर गांव में सामने आई है। इस मामले में पीड़ित मुस्तकीम खान पठान की शिकायत पर 13 मई को सावंगी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। हालांकि, जादू-टोना प्रतिबंध अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने में पुलिस ने छह दिन की देरी की, जिसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
ऐसे रचा गया धोखे का जाल:
5 मई को कथित मौलवी असलम खान ने मुस्तकीम खान पठान और उनके परिवार को यह कहकर डरा दिया कि उनके घर पर काला जादू किया गया है और अगर तुरंत अघोरी पूजा नहीं की गई, तो परिवार के सभी सदस्यों की मौत निश्चित है। इस डर से परिवार ने पूजा कराने के लिए हामी भर दी।
इसके बाद असलम खान ने अघोरी पूजा का ढोंग रचते हुए धीरे-धीरे 1 लाख 30 हजार रुपये अपने खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। इतना ही नहीं, घर से 26 ग्राम सोने के आभूषण, 150 ग्राम चांदी और 15 हजार रुपये नकद भी अपने साथ ले गया।
धोखाधड़ी का एहसास होने पर दर्ज कराई शिकायत:
कुछ दिनों बाद जब परिवार को धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ, तब 13 मई को सावंगी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बावजूद पुलिस ने तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की और जादू-टोना अधिनियम के तहत मामला दर्ज नहीं किया।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के दबाव में हुई कार्रवाई:
इस मामले में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा की गई अनुवर्ती जांच और दबाव के चलते आखिरकार 19 मई को पुलिस ने जादू-टोना प्रतिबंध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
राज्य में पहली बार ऐसी देरी:
विशेषज्ञों का कहना है कि महाराष्ट्र में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें अपराध के बाद सामान्य धाराओं में शिकायत दर्ज की गई, लेकिन जादू-टोना अधिनियम के तहत केस दर्ज करने में छह दिन की देरी हुई। अब तक वर्धा जिले के आठ पुलिस थानों में ऐसे मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि राज्य भर में कुल 750 मामले जादू-टोना अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किए गए हैं।
इस घटना ने न सिर्फ अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई को उजागर किया है, बल्कि यह भी बताया है कि कानून के बावजूद कार्रवाई में लापरवाही आज भी कितनी गंभीर समस्या है।
