- जिले के चार गांव बोर टाइगर प्रोजेक्ट में शामिल
- पुनर्वास के लिए कैंपा फंड को मंजूरी
- विधायक वानखेडे की पकड़ फिर से साबित
- 14 साल पुरानी समस्या वानखेडे के प्रयास से सुलझी
- Wardha वर्धा, 18 अप्रैल। मुंबई के मंत्रालय में आयोजित 24वीं राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में आर्वी विधानसभा क्षेत्र के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अंतर्गत कारंजा तालुका के एनीदोडका, मेटहीरजी, उमरविहिरी, मरकसुर और सेलू तालुका के गरमसुर – इन पांच गांवों को बोर टाइगर प्रोजेक्ट में शामिल करने की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही आर्वी के वर्तमान विधायक सुमित वानखेडे के प्रयासों को सफलता मिली है।
ये पांचों गांव बोर टाइगर प्रोजेक्ट के निकट स्थित होने के कारण इन क्षेत्रों में बाघों की खुलेआम आवाजाही होती थी। इससे गांव के नागरिकों और किसानों को अपनी जान जोखिम में डालकर खेतों में काम करना पड़ता था। कई बार बाघ के हमलों में लोगों की जान भी गई है। इन गांवों के पुनर्वास के लिए कई जनप्रतिनिधियों ने कोशिशें की थीं, लेकिन सफलता नहीं मिली।
विधायक सुमित वानखेडे ने इन गांवों की भौगोलिक स्थिति और व्याघ्र प्रकल्प से निकटता को ध्यान में रखते हुए शासन के समक्ष तांत्रिक और प्रशासनिक स्तर पर सटीक अनुवर्तन किया। उनके प्रयासों को अब शासन की मंजूरी मिली है।
इस संदर्भ में अधिक जानकारी देते हुए विधायक सुमित वानखेडे ने बताया कि इन गांवों का पुनर्वास CAMPA फंड से किया जाएगा और इसके लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान को भी वन्यजीव बोर्ड की बैठक में स्वीकृति दे दी गई है। इस निर्णय से वर्षों से लंबित बोर टाइगर प्रोजेक्ट से जुड़े गांवों के पुनर्वास का मुद्दा सुलझ जाएगा।
साथ ही यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण को गति देने के साथ-साथ इन गांवों के नागरिकों के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य को नई दिशा देगा, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया।
इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए महाराष्ट्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य के वनमंत्री गणेश नाइक और वर्धा जिले के पालक मंत्री पंकज भोयर का विधायक सुमित वानखेडे ने दिल से आभार व्यक्त किया है।
इस बैठक में राज्यमंत्री श्री आशिष जयस्वाल, राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, प्रवीण परदेशी, मिलिंद म्हैसकर, श्रीकर परदेशी और वन्यजीव बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।
