- पुलगांव में पकड़ा अवैध कत्ल खाना
- पूर्व नगराध्यक्ष साबिर कुरेशी सहित 5 फरार
- फोरेंसिक टीम ने लिए सैंपल
- जांच के लिए भेजा गया
- आरोपियों को बचाने के हो रहे प्रयास
Wardha वर्धा: पुलगाव में गोवंश तस्करी और कत्लखाने के मामले में विश्व हिंदू परिषद पुलगाव प्रखंड के कार्यकर्ताओं की सूचना के बाद उपविभागीय पुलिस अधिकारी राहुल चव्हाण के नेतृत्व में करीब 50 पुलिसकर्मियों का दल घटनास्थल पर पहुंचा और कार्रवाई शुरू की। हालांकि, पुलिस कारवाई की जानकारी मिलते ही पूर्व नगराध्यक्ष साबीर कुरेशी समेत पांच आरोपी फरार हो गए।
वर्तमान में फरार आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही फरार आरोपियों को पकड़ा जाएगा। पूर्व नगराध्यक्ष साबीर कुरेशी के कई राजनीतिक नेताओं के साथ करीबी संबंध हैं, जिससे यह मामला राजनीति के दबाव में न आ जाए, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो, यह पुलगाव की जनता की अपेक्षा है।
क्या इस कत्लखाने को सरकारी अनुमति प्राप्त थी? अगर नहीं थी, तो इतने बड़े पैमाने पर गोवंश की हत्या होने के बावजूद गुप्तचर विभाग को कोई जानकारी क्यों नहीं मिली?
आज वर्धा फॉरेन्सिक विभाग ने घटनास्थल से नमूने एकत्र किए हैं। यह साबित करना आवश्यक है कि वहां मिले खून और हड्डियों के नमूने गोवंश के ही हैं। इस मामले में दबाव न आने और जांच में कोई अड़चन न हो, इसके लिए आरोपित पूर्व नगराध्यक्ष साबीर कुरेशी की गिरफ्तारी जरूरी है। घटनास्थल पर बड़े पैमाने पर गोवंश की हड्डियां, खून, नमक की बोरियां और कत्लखाने के उपकरण मिले हैं। उपविभागीय पुलिस अधिकारी राहुल चव्हाण ने कहा है कि आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कुछ वर्ष पहले चित्रा टॉकीज के पास भी इसी प्रकार का एक गोवंश कत्लखाना चल रहा था। तब विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर उसे बंद करवा दिया था। पुलगाव जैसे शहरों में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि कहीं और भी अवैध कत्लखाने चल रहे हैं या नहीं, इसका पता लगाया जाए और उचित कार्रवाई की जाए।