शुद्ध अन्न के लिए क्यो पैदल निकल यह युवक

वर्धा , 7 अक्टूबर बदलते पर्यावरण और अधिक उत्पादन की लालसा ने अन्न पदाथों को विशैला बना दिया है. कृषि में रासायनिक औषधियों के उपयोग से अब जीवनदायी अन्न विषयुक्त हो गया है. इसी अन्न को विशमुक्त बनाने के लिए दिल्ली का युवक गाैरव त्यागी कश्मीर से कन्याकुमारी तक पदयात्रा पर निकला है. ताकि जनजागृति करके किसानों, नागरिकों को विषमुक्त कृषि और विषमुक्त अन्न उपलब्ध हो सके.

गाैरव त्यागी ‘भारत अन्न शुद्धि पदयात्रा’ करते हुए वर्धा पहुंचा. गाैरव ने पहले आचार्य विनोबा भावे के पवनार आश्रम के दर्शन किए और आश्रमवासियों को उनकी पदयात्रा का उद्देश्य समझाया. इसके बाद गाैरव सेवाग्राम में गांधीजी के आश्रम में पहुंचा. यहां पर भी आश्रवासियों से विषमुक्त खेती शुद्ध अन्न उपलब्ध कराने की जद्दोजहद पर चर्चा की. पश्चात 6 अक्तूबर की दोपहर में गाैरव यवतमाल की जिले की सीमा को छुते हुए आंध्र प्रदेश की ओर मुड़ गया है. 40 वर्षीय गाैरव त्यागी मूलत: दिल्ली के रहनेवाले हैं.

त्यागी ने बताया कि उन्होंने 26 जून को कश्मीर के लाल चाैक से यात्रा शुरू की थी. अब उन्हें लगभग 103 दिन हो चुके हैं. शुद्ध अन्न पर जनजागृति के लिए वे अब तक 95 हजार नागरिकों, विद्यार्थियों से मिल चुके हैं. अब तक उनकी यात्रा 2150 किमी की हो चुकी है. उनका लक्ष्य 30 नवंबर तक यात्रा पूरी करने का है. यह यात्रा लगभग 4 हजार किमी की रहेगी. इस पदयात्रा को जनसमर्थन मिल रहा है. शुद्ध एवं रसायन-मुक्त अन्न (अन्न शुद्धि) के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने और जैविक पद्धतियों के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस यात्रा को हर स्तर पर समर्थन प्राप्त है.

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