आर्वी न.प. पर पक्षपात का लगा गंभीर आरोप

  • अतिक्रमण हटाओ अभियान सवालों के घेरे में
  • अतिक्रमणकर्ताओं का सवाल
  • रोजगार नहीं, तो करें क्या?

wardhaआर्वी, 7 अगस्त
7 अगस्त गुरुवार को बाजार के दिन ही नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण हटाया गया. यह कार्रवाई नगर परिषद के मुख्याधिकारी सुकलवाड के आदेशानुसार, पुलिस की सहायता लेकर, सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर इंदिरा चौक तक की गई. अतिक्रमणधारकों का आरोप है कि न.प. ने केवल गिने चुने दुकानों पर ही गजराज चलाया है. ऐसा पक्षपात आखिर क्यों किया गया है.


नाराज अतिक्रमणधारकों ने कहा कि हमें अतिक्रमण हटाने से आपत्ति नहीं है, लेकिन इस शहर में हमें कोई रोजगार नहीं है तो हम क्या करें? हमारे पेट भरने के लिए जो थोड़ी बहुत दुकानें हैं, उन्हीं पर अतिक्रमण कार्रवाई क्यों?”
शहर में से जो नेशनल हाईवे गया है, उसकी चौड़ाई कम करके कई जगह अतिक्रमण किया है, लेकिन हाईवे के रास्ते पर अतिक्रमण हटाने के लिए हाथ आगे नहीं आते हैं. केवल पान के ठेले, चाय की टपरी पर ही गजराज क्यों चलाया जाता है?

नगर परिषद के मुख्याधिकारी सुखलवाड ने बताया कि आर्वी-तलेगांव रोड पर जो अतिक्रमण है, वह नगर परिषद की सीमा में नहीं आता, वह नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सीमा में आता है और इसकी जिम्मेदारी PWD (लोकनिर्माण विभाग) की है। इसलिए इसकी कार्रवाई हमारी (नगर परिषद की) सीमा में नहीं आती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!