- देवली से प्रवेश करेगा यवतमाल में
- वर्धा के 10 और देवली के 10 गांव से होकर गुजरेगा
- जमीन गिनती की प्रक्रिया होगी शुरू
Nagpur नागपुर : शक्तिपीठ महामार्ग: वर्धा से यवतमाल तक निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
वर्धा जिले में पवनार से शुरू होने वाला शक्तिपीठ महामार्ग अब निर्माण के अगले चरण में प्रवेश कर चुका है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जमीन की गिनती की प्रक्रिया प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है। वर्धा और देवली तहसील से होकर यह मार्ग यवतमाल जिले में प्रवेश करेगा। यह महाराष्ट्र में समृद्धि महामार्ग के बाद दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है जो वर्धा जिले से होकर गुजरेगा।
शक्तिपीठ महामार्ग की विशेषताएँ
यह द्रुत गति महामार्ग पवनार से पात्रादेवी तक फैलेगा, जिसे महाराष्ट्र शक्तिपीठ द्रुत गति महामार्ग क्रमांक 10 के नाम से जाना जाएगा। इस मार्ग पर 802 किमी की लंबाई तय की गई है, जिसमें तीन शक्तिपीठ—माहूर, तुलजापुर और कोल्हापुर—मौजूद हैं, जिस कारण इस मार्ग को “शक्तिपीठ मार्ग” नाम दिया गया है। सरकार ने मार्च 2023 में इस परियोजना को मंजूरी दी थी, हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान इसका काम कुछ समय के लिए ठप पड़ा था।
मार्ग का विस्तार और योजना
यह मार्ग पहले पवनार से शुरू होने वाला था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे वर्धा से 6 किमी दूर येलाकेली इंटरचेंज से तीन किमी के बाद दिग्रज गांव के पास मोड़ा जाएगा। इसके बाद यह मार्ग देवली और खर्डा होते हुए यवतमाल जिले में प्रवेश करेगा। इस परियोजना के अंतर्गत वर्धा और देवली तहसील के 10-10 गांवों का समावेश होगा।
सड़क निर्माण के लिए आवश्यक भूमि
उपजिलाधिकारी (भूमि अधिग्रहण) प्रियांका पवार ने बताया कि इस परियोजना के लिए कुल 503 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। वर्धा जिले में 263.63 हेक्टेयर और देवली जिले में 240.21 हेक्टेयर भूमि का समावेश होगा। जमीन की गिनती की प्रक्रिया के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा गया है।
परियोजना की लागत और समयसीमा
वर्धा से बांदा तक बनने वाले इस मार्ग पर कुल ₹83,600 की लागत आएगी। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) द्वारा इसका निर्माण किया जाएगा, और 2028-29 तक इस मार्ग के पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है, और इसके बाद भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है।
नए अवसर और विकास की दिशा
समृद्धि महामार्ग के बाद, शक्तिपीठ मार्ग जिले को एक और महत्वपूर्ण विकास अवसर प्रदान करेगा। इस मार्ग के निर्माण से वर्धा जिले की मुंबई, पुणे, कोकण और गोवा के साथ कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे रोजगार और उद्योग के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे।
इस परियोजना का लक्ष्य न केवल जिले की कनेक्टिविटी बढ़ाना है, बल्कि इसे विकास के एक नए आयाम तक पहुंचाना है।
