जंगल के रस्ते पर दिखाई दी कटी खोपड़ी और….

  • आष्टी शहीद के जंगल की घटना
  • वन कर्मचारी को दिखा
  • मृत की पहचान दुर्गादास के रूप में
  • एक महीने से गुमशुदा था
  • पिता ने जताया हत्या का संदेह

Wardha वर्धा, 8 फरवरी
वर्धा जिले के आष्टी शहीद – मोर्शी मार्ग पर क्षत विक्षत शव मिला है
। मृतक युवक की पहचान अमरावती जिले के मोर्शी गांव के मायवाड़ी गांव का दुर्गादास नेहारे (२८)है, बीते एक महीने से वह घर से लापता था । घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और आष्टी शहीद की पुलिस। घटनास्थल पर पहुंची।

आष्टी तहसील के अप्पर वर्धा बांध परिसर के जंगल में खंभित और बिलोरा गांव की हद है । पास के जंगल में बीट गार्ड चंद्रशेखर शिंदे बीट में काम कर रहे थे । इस दौरान वहां पर मजदूरो की रेलचेल भी थी। बीट गार्ड शिंदे जंगल में जाने के लिए निकलने पर उन्हें सड़क किनारे कटा हुआ हाथ और मानवी खोपड़ी दिखाई दी। आसपास में खोजबीन करने पर पूरा धड़ दिखाई दिया। घातपात का संदेह होने पर उसने यह जानकारी पुलिस को दी ।

घटना की जानकारी मिलती ही थानेदार मंगेश भोयर और पुलिस उप निरीक्षक गजानन बावने , कांस्टेबल विनायक घावत, सूरज राठौड़, अश्विन चौहान, विष्णु कलूसे , नंदकिशोर वाढ़ावे के साथ वनपाल विकास चौधरी, राम गायकवाड, दिगंबर गणेशपुरे , सहित अन्य कर्मचारी तुरंत ही घटना स्थल पर पहुंचे ।

वर्धा पुलिस में मोर्शी पुलिस स्टेशन से पूछताछ करने पर 7 जनवरी के दिन मायवाड़ी गांव निवासी दुर्गादास पांडुरंग नेहारे घर से एक महीने से लापता होने की जानकारी मिली ।

पुलिस ने मृतक की जेब से आधार कार्ड निकाला, मृतक यह अमरावती जिले के महगांव निवासी दुर्गा दास निहारे होने की बात सामाने आई।

घटना की जानकारी मृतक के पिता और दामाद को दी गई है। घटनास्थल पर मृतक सिर और एक हाथ अलग था। शरीर अलग था । दुर्गादास रेती का काम पर मजदूरी करता था।

उसके दो बहनों की शादी हो चुकी है और माता-पिता के साथ में वह अपना घर परिवार चल रहा था । मृतक के पिता का आरोप है कि उनके बेटे के साथ में घातपात हुआ है, बेटे की मौत पर पिता ने संदेह जताया हैं।

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