- दुर्घटना में चार महीने के शावक की मौत,
- वन विभाग सतर्क
- मामले की जांच के लिए पहुंचा वन विभाग
Wardha वर्धा, 22 जनवरी:
बाघों की लगातार हो रही मौतें गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। हाल ही में, गिरड़ क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना में चार महीने के बाघ शावक की मौत से सनसनी फैल गई है। बाघ का शव राष्ट्रीय राजमार्ग पर ढोंडगांव और मुनेश्वर नगर के बीच क्षत-विक्षत अवस्था में मिला।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, सहायक वन संरक्षक अमरजीत पवार ने पुष्टि की कि यह शावक अज्ञात वाहन की टक्कर का शिकार हुआ। इस घटना ने वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बाघ परिवार की गतिविधियां और ग्रामीणों की चिंता
गिरड़ और खुरसापार क्षेत्र में एक बाघिन और उसके तीन शावकों की मौजूदगी दर्ज की गई थी। हाल ही में बाघिन द्वारा मवेशियों पर हमले से ग्रामीणों में दहशत फैल गई थी। वन विभाग ने इन शावकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए थे, जिनमें: 20 ट्रैप कैमरों की स्थापना।रात में बिजली की आपूर्ति रोकने के लिए विद्युत विभाग को निर्देश। इलाके में गश्त बढ़ाना। दुर्घटना का विवरण
सुबह के समय यह घटना राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई, जहां शावक अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया। वन अधिकारी लगातार इलाके में गश्त कर रहे थे और शावकों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे, लेकिन यह हादसा नहीं टल सका।
वन विभाग की अपील और आगे की कार्रवाई
जिला वन संरक्षक हरवीर सिंह और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और इस घटना की जांच शुरू कर दी है। वन क्षेत्राधिकारी नीलेश गावंडे ने खुरसापार, गिरड़, पेठ, और अन्य आसपास के गांवों के किसानों और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
वन्यजीव सुरक्षा की जरूरत
यह घटना वन्यजीवों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर और जागरूकता अभियान की आवश्यकता को रेखांकित करती है। बाघों की संख्या बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ उनके संरक्षण के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाने की सख्त जरूरत है।
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