- वर्धा के भाजपा विधायक का राजनीतिक करियर
- 2014 से शुरू की राजनीतिक पारी
- पहले थे युवका कांग्रेस में,
- राजनीतिक गुरु दत्ता मेेघे संग थामी भाजपा
wardha वर्धा 15 दिसंबर : वर्धा जिले के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा, जब वर्धा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके डॉ. पंकज भोयर को राज्य मंत्री बनने का अवसर मिला। वर्षों से जिले के नागरिकों को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की उम्मीद थी, जो आज पूरी हुई। डॉ. पंकज भोयर के माध्यम से 10 साल बाद वर्धा जिले को मंत्रिमंडल में स्थान प्राप्त हुआ है। वह वर्धा जिले के सातवें मंत्री बने हैं। उनकी शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार करते हुए आतिशबाजी की।
वर्धा जिले के अब तक के मंत्री और भाजपा का नया कदम
अब तक वर्धा जिले से शंकरराव सोनवने, प्रभा राव, प्रमोद शेंडे, डॉ. शरद काले, अशोक शिंदे, दत्ता मेघे और रणजीत कांबले मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद भाजपा से डॉ. पंकज भोयर को यह मौका मिला है। वर्धा जिले को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब भाजपा ने जिले में चार विधायक जीतकर इतिहास रच दिया है। इनमें से दो विधायक तीसरी बार चुनाव जीतकर आए थे, जिससे मंत्रिमंडल में वर्धा जिले को स्थान मिलने की संभावना जताई जा रही थी। 2014 में भाजपा के दो विधायक थे, लेकिन उनके चुनाव जीतने पर मंत्रिमंडल में उनका समावेश असंभव था। 2019 में राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार थी और कांग्रेस के रणजीत कांबले मंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे, लेकिन उन्हें मंत्री पद नहीं मिल सका।
राजनीति में सफलता और डॉ. पंकज भोयर का योगदान
विद्यार्थी आंदोलन से राजनीति में कदम रखने वाले डॉ. पंकज भोयर ने बीएससी की डिग्री प्राप्त की है और अर्थशास्त्र में एमए और पीएचडी की है। प्रशासन में उनकी गहरी समझ और पकड़ रही है। वह शुरुआत में युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे और वरिष्ठ नेता दत्ता मेघे के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। वर्धा विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने पिछले 10 वर्षों में विकास के लिए बड़ी मात्रा में निधि जुटाई और कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को क्रियान्वित किया।
डॉ. पंकज भोयर लकी
विधायक डॉ. पंकज भोयर को वर्धा जिले में लक फैक्टर के धनी माना जाता है। उनके राजनीतिक जीवन में कई ऐसे योग आए हैं, जिनसे उन्होंने लगातार सफलता हासिल की। 2014 में मोदी लहर के दौरान उन्होंने पहली बार चुनाव जीता। तीसरी बार विधायक बने दिन उनकी मां, कांचन भोयर का जन्मदिन था, और इसे मां-बेटे के बीच एक खूबसूरत तोहफे के रूप में देखा गया।
अब जब डॉ. पंकज भोयर ने राज्यमंत्री की शपथ ली, तब उनके पिता डॉ. राजेश भोयर का जन्मदिन था। इसे भी एक शुभ संयोग और योग माना जा रहा है।
समाप्ति: वर्धा जिले की राजनीति में नया अध्याय
आज वर्धा जिले को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने से भाजपा के कार्यकर्ताओं और जिले के नागरिकों में खुशी का माहौल है। डॉ. पंकज भोयर के नेतृत्व में वर्धा जिले का राजनीतिक परिदृश्य नए आयाम तक पहुंच चुका है और आने वाले समय में विकास के नए अवसर सामने आएंगे। बीते 15 वर्षों में विधायक डा. पंकज भोयर ने वर्धा के विकास में चार चांद लगा दिए हैं। अब राज्यमंत्री बनने के बाद विकास की गति दो गुनी होने की उम्मीद नागरिकों को है।