- चंद्रपुर से आक सावंगी में
- सावंग अस्पताल के डॉक्टर ने कर
- शैल्य क्रिया के बाद। बोल
Wardha वर्धा 5 जुलाई :
वरोरा की 25 वर्षीय आरती डडमल को चलने में परेशानी हो रही थी, जिससे उनके पैरों की संवेदनशीलता खत्म हो रही थी। घर में जमीन पर रेंगकर चलने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था। आरती ने कई जगहों पर इलाज करवाया लेकिन कहीं आराम नहीं मिला।
महात्मा फुले योजना के तहत मिले उपचार ने उनकी जिंदगी बदल दी। सावंगी में मुफ्त बस सेवा की जानकारी मिलने के बाद, आरती के परिवार वाले उन्हें आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल लेकर आए।
अस्पताल के कार्य अधिकारी डॉ. अभ्युदय मेघे ने बताया कि न्यूरोसर्जन डॉ. संदीप इरटवार ने आरती की जांच की और पाया कि उनकी कमर की नस दबने के कारण यह समस्या हो रही थी। त्वरित सर्जरी की सलाह दी गई और महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना के तहत पूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
डॉ. संदीप इरटवार के साथ डॉ. जितेंद्र ताडघरे, डॉ. वैभव ढवली, और डॉ. प्रिन्स वर्मा ने सफलतापूर्वक सर्जरी की। सर्जरी के बाद, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. रघुवीर रघुमहंती, डॉ. आनम सासन, और डॉ. स्वर्णा सिंग ने आरती को फिजियोथेरेपी दी, जिससे अब वह अपने पैरों पर चलने लायक बन गई हैं। आरती ने डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया।
इस घटना ने दिखाया कि सही समय पर सही उपचार और सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे किसी की जिंदगी बदल सकता है। महात्मा फुले योजना और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के प्रयासों से आरती अब फिर से अपने पैरों पर खड़ी हो सकी हैं।
आचार्य विनोबा भावेग्रामीण इससे पहले भी अनेक गंभीर प्रकार के ऑपरेशनहो चुके , में बड़ी शॉलक्रियो में राजस्थानी डॉक्टरो को भारी सफलता मिल है
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