- 100 दिनों से अधिक चला आंदोलन
- 1 साल पहले हुई थी दुर्घटना
- वर्धा के 25 लोगो की हुई थी मौत
- सरकार ने घोषणा करके भी नहीं दी मदद
Wardha वर्धा 1 जुलाई : समृद्धि हादसे में जान गंवाने वाले वर्धा जिले के 25 मृतकों के परिजनों ने आज अपने प्रियजनों की स्मृति में जिलाधिकारी कार्यालय के पास बरसी मनाई। इस मौके पर सांसद अमर काले ने उपस्थित होकर आंदोलनकारियों से चर्चा की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया
समृद्धि महामार्ग पर विदर्भ ट्रैवल्स की दुर्घटना में 25 निर्दोष लोगों की जलकर मौत हो गई थी। इस हादसे में अधिकांश मृतक वर्धा और नागपुर जिले के थे। दुर्घटना के बाद उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी, लेकिन एक साल बाद भी पीड़ित परिवारों को कोई मदद नहीं मिली है।
इसी कारण सरकार को उसकी घोषणा की याद दिलाने के लिए वर्धा के महात्मा गांधी चौक पर सड़क पर मृतकों की बरसी मनाई गई। इस दौरान सरकार का विरोध भी किया गया। इस आंदोलन में वर्धा के सांसद अमर काले भी उपस्थित थे।
इस हादसे को एक साल हो गया है और आंदोलनकारियों का कहना है कि या तो उपमुख्यमंत्री अपनी घोषणा को भूल मानें या फिर तुरंत मदद करें। सांसद अमर काले ने आंदोलन में भाग लेकर कहा कि लोकसभा का सत्र समाप्त होने के बाद वह पीड़ित परिवारों के साथ मुख्यमंत्री से मिलकर यह मामला उठाएंगे। यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आगे तीव्र आंदोलन किया जाएगा।
मृतकों के परिजनों ने कहा, “पोर्शे कार दुर्घटना में ‘विशेष मामले’ के तहत निधि दी जा सकती है, तो हमारे मामले में सरकार चुप क्यों है?” इससे पहले भी मृतकों के परिवारों ने दोषियों को सजा और घोषित मुआवजा पाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के सामने 104 दिन तक भूख हड़ताल की थी, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस हड़ताल का संज्ञान नहीं लिया। एक साल से मदद की प्रतीक्षा करना एक शोकांतिका ही है।
वर्धा के मृतकों के परिवार अब भी न्याय और मुआवजे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी आवाज और संघर्ष सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रही है। अब वक्त आ गया है कि सरकार अपनी घोषणा को साकार करे और पीड़ित परिवारों को उनके अधिकार दिलाए।
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