- शावक से बिछड़ी थी तेंदुआ मादा
- सेलू में कुरहा गांव की घटना
- ग्रामीणों से डरकर भागी थी
- वन विभाग के प्रयास से मां बेटे मिले
wardha वर्धा 7 जून :
अपने शावक से बिछड़ी मादा तेंदुआ आखिर 7 घंटे बाद दोबारा मिल सकी । यह वन विभाग के प्रयासों के कारण संभव हो सका । मामला वर्धा जिले के सेलू तहसील में माैजा कुरहा परिसर का है । बच्चे से बिछड़ी हुई मां और भी परेशानी खड़ी कर सकती है । इसकी चिंता ग्रामीणों और वन विभाग को थी । वैसे ही मादा तेंदुआ भी अपने शावक के लिए व्याकुल होगी । इसमें कोई संदेह नहीं है ।
मामला ऐसा था कि ग्रामीण युवक राजू बांते खेत में चाैकीदारी करता है । गुरुवार की रात में 8 बजे वह खेत में चाैकीदारी के लिए जा रहा था । तभी उसे आसपास हिंसक जीव होने का अहसास हुआ । उसने अपने हाथ की टार्च पास की नदी के पास घुमाई तो उसे तेंदुआ दिखाई दिया । बीते सप्ताह में शेर ने गाय का शिकार किया था । इस कारण घबराए हुए । राजू बांते ने मदद के लिए शोर मचाया ।
तेंदुआ देखते ही राजू गांव की ओर भागा और उसने तेंदुए के मुंह पर टिफिन की थैली फेंक कर मारी । लेकिन तेंदुए ने राजू का पीछा शुरू कर दिया । आखिरी में राजू की आवाज सुनकर ग्रामीण भी मदद के लिए दाैड़े, तब तेंदुआ वहां से भाग निकली । लेकिन तेंदुआ शावक भागते समय अपना शावक वहीं छोड़ दिया । मादा तेंदुआ वहां से जाने के बाद शावकी आवाज सुनकर ग्रामीणों ने उस निराधार शावक को अपने गांव में ले गए । वहां से वन विभाग को इसकी खबर दी ।
जिसके बाद वन विभाग के वनपरिक्षेत्र अधिकारी ए । आर । आगाशे ने उपवनसंरक्षक राकेश शेपट व सह वनसंरक्षक अमरजीत पवार को घटना की जानकारी दी । आगाशे के मार्गर्शन में वनपाल डी । जी । टाक , वनरक्षक ए । एस । सिद्दिकी व खोब्रागडे ने गांव में पहुंचेकर शावक को अपने कब्जे में लिया और उस शाव को साथ लेकर पहले पीपल्स फाॅर एनिमल के पिपरी मेघे स्थित करुणाश्रम में लेकर गए ।
शावक को बुखार और आंख पर जख्म थे । इसलिए उसका पहले उपचार किया गया । चंदघंटों में शावक स्वस्थ्य हाेने के बाद उसे फिर से मां के पास छाेड़ने का निर्णय लिया गया । रात में ही शावक को हिवरा परिसर में बास्केट के नीचे शावक को रखा गया । ताकि बाहर से उसकी मां देख सके
इसके बाद वन विभाग की टीम मादा शावक के आने की राह देखने लगी । अंत में तड़के तड़के तीन बजे मादा तेंदुआ शावक की आवाज सुनकर उसी बास्केट के पास पहुंची । बच्चे से बिछड़कर भावूक हुई तेंदुआ मादा ने पहले बास्केट के चारों ओर चक्कर काटा, ताकि शावक को बाहर निकालने का रास्ता खोजा जा सके ।
शावक को बाहर निकालने का रास्ता दिखते ही मादा तेंदुआ ने शावक को मुंह में दबाया और घने जंगल में अधेरे की ओर भाग गई। सेलू तहसील का हिवरा परिसर जंगल से सटा है। यहां पर हिंसक जीवों काे आसपास में देखा जाता है। तेंदुआ शावक से बिछड़कर मादा और अधिक आक्रामक होगी। यह डर ग्रामीणों और वन विभाग को था। लेकिन वन विभाग ने शावक को चंद घंटों में ही मादा के हवाल कर दिया। जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
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