- मराठा समाज सर्वेक्षण का काम
- मार्गदर्शक सूचना में ₹10000 की बात दर्ज
- शिक्षक संगठनों में रोष
- जरूरतमंद छात्रोंकी पढ़ाई पर खर्च कर दे रुपया
- शिक्षक नेता अजय भोयर ने कहा
Wardha वर्धा : मराठा आरक्षण का सर्वेक्षण करने वाले शिक्षकों की मानधन सूची ने शिक्षकों का रोष बढ़ा दिया है । उनके खाते में मानधन के ₹10, ₹20 और ₹30 देने वाली सूची बनी हैं, जबकि सरकार ने 10 हजार रुपए मान्य किए हैं । अब शिक्षक संगठनों ने यह मानधन सरकार को लाैटाने का निर्णय लिया है ।
मराठा समाज सर्वेक्षण का काम शिक्षकों को साैंपा गया था । इसके लिए शिक्षकों में से 15 से 20 प्रगणक के लिए एक पर्यवेक्षक था । प्रगणण और पर्यवेक्षक के लिए 10-10 हजार रुपए मानधन और प्रशिक्षण के लिए यात्रा भत्ता 500 रुपए, जबकि मराठा व ओपन प्रवर्ग के 100 परिवार के सर्वेक्षण के लिए 10 हजार रुपए और पिछड़ा वर्ग परिवार के सर्वेक्षण के लिए प्रति परिवार 10 रुपए मानधन देना तय हुआ था ।
वर्धा जिले में 2,633 शिक्षक शामिल हुए थे । इन शिक्षकों को कुल 30,76,070 रुपए मानधन घोषित हुआ है. हाल ही में मानधन की सूची प्रकाशित की गई है. इसमें ऐसे अनेक शिक्षक है, जिनका मानधन सरकार ने 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक निकाला है, जबकि अन्य शिक्षकों को 5 हजार रुपए के भीतर मानधन है ।
प्रशासन से मिली मानधन की सूची से शिक्षकों में रोष है । कई शिक्षक संगठनों ने अब मानधन लेने से ही इनकार कर दिया है । शिक्षकों ने आज जिला प्रशासन के पास अपनी नाराजगी जाहिर की है। अजय भोयर के नेतृत्व में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौपा गया हैं । इस समय पुंडलिक नाकतोडे, कुंडलिक राठोड ,निलेश डहाके ,रवी कोठेकर ,अनंता पोराटे, पराग वाघ, अभिजीत जांभुएलकर , देविदास मडवे,हेमंत डोर्लीकर ,किशोर उमाटे ,गजानन साबळे ,विनय मुलकलवार ,दत्ता राऊळकर ,संतोष महाजन ,निलेश भालकर ,परमेश्वर केंद्रे यांच्यासह शिक्षक उपस्थित थे।
शिक्षकों का आरोप है कि 5 महीने बाद मानधन मिल रहा है । वह भी ऐसा मानों शिक्षकों को भीख दी जा रही है । शिक्षकों को 10 हजार रुपए से कम मानधन देने की बजाय यह पैसा राज्य के जरूरतमंदों बच्चों की पढ़ाई पर खर्च किया जाना चाहिए ऐसी मांग हो रही है। सर्वेक्षण के लिए जारी की गई सूचना के अनुसार मानधन शिक्षकों को मिलना चाहिए।
शिक्षक परिषद शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष अजय भोयर ने कहा कि मार्गदर्शक सूचना के तहत मानधन सरकार ने देना चाहिए. शिक्षकों ने घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया है । शासन की सूची हमने देखी है । दस रुपए मानधन आखिर किस हिसाब से दे रहे हैं । अल्प मानधन हमें नहीं चाहिए, सरकार मानधन की राशि गरीब छात्रों पर खर्च कर सकती है.