वर्धा में बढ़े हुए मतदान से किसको छूट रहे पसीने

  • सन 2019 में हुआ था 61.57% मतदान
  • सन 2024 में 64 85% मतदान
  • बड़े हुए मतदान से उम्मीदवार में कहीं खुशी कहीं गम
  • बढ़ा हुआ मतदान किसकी डुबोएगा में नैया
  • किसकी डूबेगी की नाव

Wardha वर्धा : 2019 में वर्धा लोकसभा क्षेत्र में 61. 57 प्रतिशत मतदान हुआ था. 2024 में बढकर यह आंकड़ा 64.85 प्रतिशत पर है. 16 लाख 82 हजार 771 में से 5 लाख 91 हजार 422 ने मतदान नहीं किया है. मतदान के आखिरी चरण में 56.67 पर अटका हुआ अंतिम जोड़तोड़ के बाद 64.85 फीसदी तक बढा है.

वर्धा संसदीय क्षेत्र की 6 विधानसभा क्षेत्रों में शाम 5 बजे तक 56.67 प्रतिशत वोटिंग हुआ था . देर रात मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम गितनी में यह आंकड़ा 64.85 फीसदी तक पहुंचा है. सन 2019 के चुनाव में 61.57 फीसदी मतदान हुआ था. वहीं मोदी लहर में 2024 में 64.77 तक वोटिंग का प्रतिशत पहुंचा था. 2024 में मतदान का प्रतिशत 2019 की तुलना में 3.28 फीसदी बढ गया है. धामनगांव में 61.71 फीसदी मतदान हुआ है.

यहां पर 307784 में से 117864 ने वोटिंग नहीं किया. मोर्शी में 281142 में से 98368 ने वोटिंग नहीं किया है. आर्वी में 258160 में से 80 हजार 77 ने वोटिंग नहीं किया. देवली में 266572 में से 91661 ने वोटिंग नहीं किया है. हिंगणघाट में 289717 में से 98 769 ने मतदान नहीं किया है. वर्धा में 279396 में से 104683 ने मताधिकार का उपयोग नहीं किया है. लोकसभा 2019 और 2024 की तुलना करने पर मतदान का प्रतिशत बढा है. अनुमान है कि इसमें 25 हजार प्लस हुए नव मतदाताओं का उत्साह शामिल है.

पुरुष मतदाताओं का वोटिंग 68.35प्रतिशत रहा, जबकि महिलाओं का 61.21 प्रतिशत वोटिंग में योगदान वर्धा जिले में दर्ज किए गए 25000 मतदाताओं में से लगभग 90 फ़ीसदी ने चुनाव में उत्साह के साथ भाग लिया था. बड़े हुए मतदान को लेकर दोनों भी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपना अपना दावा ठोक रहे हैं. भाजपा के कार्यकर्ताओं का दावा है कि बढ़ा हुआ मतदान लगभग 90% उनकी झोली में पड़ा है वहीं दूसरी और महाविका वागडी के उम्मीदवार का दावा है कि यह मतदान उसके झोली में पड़ा हुआ है क्योंकि जनता ने मतदान करके अपना रोज भाजपा के खिलाफ प्रकट किया है. 0 बड़े हुए मतदान को लेकर दोनों भी उम्मीदवार भले ही खुशी जाहिर कर रहे हो लेकिन असल में उन्हें अंदर ही अंदर बढ़ा हुआ मतदान का डर लग रहा है दोनों भी उम्मीदवारों को डर है कि कहीं यह वोट उनके खिलाफ बड़ी ताकत ना बन जाए अब ऐसे में लगभग 1 महीने तक इंतजार करना होगा कि आखिर बड़ा हुआ मतदान किसके पहले में गया था 4 जून 2024 को दोनों भी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा

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