- वर्धा के मरीज का नागपुर के निजी अस्पताल में उपचार
- यवतमाल का मरीज वर्धा में करा रहा उपचार
Wardha वर्धा, 24 फरवरी
वर्धा और यवतमाल जिले में
गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का मामला सामने आया है, वर्धा में एक मरीज आष्टी शहीद ओर दूसरा यवतमाल जिले में मिला है वर्धा जिले के मारिज का नागपुर और यवतमाल के मरीज का वर्धा में आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल में उपचार शुरू है, दोनो जगहों पर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गए हैं, हालांकि। चिंता करने वाली बात नहीं है।
आष्टी तहसील के साहूर निवासी 85 वर्षीय बुजुर्ग इस जीबीएस
बीमारी से पीड़ित हैं और उनका नागपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज जारी है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. जे. पारडकर ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस, जीका वायरस, हेपेटाइटिस वायरस और एचआईवी जैसे अन्य वायरस इस बीमारी को ट्रिगर कर सकते हैं। जिले में मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है और सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन के अनुसार सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, आज जिला परिषद के सिंधुताई सपकाल हॉल में 123 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
यवतमाल जिले में भी 35 वर्षीय व्यक्ति में गिलियन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण पाए गए है। फिलहाल, उनका सावंगी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है?
गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली नसों पर हमला करती है। यह मांसपेशियों की कमजोरी और लकवे का कारण बन सकता है। इस बीमारी का समय पर निदान और उपचार बहुत जरूरी है।
बीमारी से बचाव के लिए क्या करें?
किसी भी वायरल संक्रमण के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
स्वच्छता और हाइजीन का विशेष ध्यान रखें।
किसी भी संदिग्ध लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है और GBS के नए मामलों की निगरानी कर रहा है।
