- जीवन प्राधिकरण की लापरवाही उजागर
- जीवन प्राधिकरण लापरवाही
- गांव में जल आपूर्ति ठप
Wardha आर्वी, 3 अप्रैल
तहसील के दौलतपुर मौजा में स्थित निंबोली (शेंडे) गांव के पुनर्वास कार्यों की असलियत एक बार फिर सामने आई है। गांव में अठारह नागरिक सुविधाओं का दावा किया गया था, लेकिन वास्तविकता में इनमें से अधिकांश सुविधाएं केवल नाम मात्र की हैं।
पिछले आठ दिनों से जल आपूर्ति योजना ठप पड़ी है, क्योंकि पानी की टंकी में रिसाव होने के कारण उसकी मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। इस कारण गांववासियों को भारी जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
जल संकट का जिम्मेदार कौन?
इस मामले में जब निम्न वर्धा परियोजना विभाग से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि पुनर्वास विभाग ने जल आपूर्ति योजना को जीवन प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया है। अब इस योजना की पूरी जिम्मेदारी जीवन प्राधिकरण की है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण ही यह संकट उत्पन्न हुआ है।
पुनर्वास कार्यों की असलियत
निंबोली (शेंडे) पुनर्वास गांव को अन्य पुनर्वसित गांवों की तुलना में सबसे बाद में बसाया गया था। इसके बावजूद, यहां की अठारह नागरिक सुविधाओं में से एक भी सही से कार्यरत नहीं दिखती।
पानी की टंकी का निर्माण अधिक पुराना नहीं है, फिर भी रिसाव और खराबियों के कारण यह बेकार हो चुकी है। इससे साफ होता है कि पुनर्वास के नाम पर किए गए कार्यों की गुणवत्ता बेहद घटिया थी।
जल आपूर्ति बंद, कोई सूचना नहीं!
सबसे चिंताजनक बात यह है कि जल आपूर्ति बंद होने की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। अगर टंकी की मरम्मत करनी ही थी, तो नागरिकों को पहले सूचित कर उनके लिए वैकल्पिक जल आपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
गर्मी के इस मौसम में पानी की भारी किल्लत से नागरिकों में गुस्सा बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि अगर यह मरम्मत कार्य सर्दियों में किया जाता, तो उन्हें इतनी तकलीफ नहीं होती।
गांववासियों का गुस्सा – प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
गांववासियों ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि गर्मी में जानबूझकर जल संकट पैदा करने वाले अधिकारियों का सम्मान समारोह आयोजित करना चाहिए! यह तंज प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है।
समस्या का समाधान कब?
अब सवाल यह उठता है कि इस जल संकट का समाधान कब होगा? प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों।
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निंबोली (शेंडे) जल संकट
पुनर्वास कार्य की घटिया गुणवत्ता