wardha वर्धा, 1 अप्रैल
वर्धा जिले का रायपुर गांव अब शतप्रतिशत सौर ऊर्जा ग्राम बन चुका है। इससे पहले हिंगणघाट तहसील के चिचघाट राठी और आर्वी तहसील के नेरी पुनर्वसन गांव भी सौर ऊर्जा ग्राम बन चुके थे। इस कारण अब कहा जा सकता हैकि जिले के तीन गांव को बिजली मुफ्त में मिलेगी.
सरकार अब प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन रोकने के लिए प्राकृतिक ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, और इस दिशा में सौर ऊर्जा को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। महावितरण कंपनी के नागपुर परिमंडल में चिचघाट राठी और नेरी पुनर्वसन के बाद अब देवली तहसील का रायपुर गांव भी पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर हो गया है। रायपुर गांव में 18 घरेलू इकाइयाँ और एक स्ट्रीट लाइट पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चल रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप यहां का बिजली बिल शून्य हो गया है।
रायपुर गांव के नागरिकों ने प्रधानमंत्री मुफ्त सूर्यघर योजना का लाभ उठाया है, जिसके तहत 16 घरों की छतों पर प्रति घर 2 किलो वाट क्षमता की सौर ऊर्जा प्लेटें लगाई गई हैं। इसके अलावा, प्रत्येक घर में 1 किलो वाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्रकल्प और स्ट्रीट लाइट के लिए 1 किलो वाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना भी शुरू की गई है।
इस सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से हर महीने औसतन 5100 यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। रायपुर को 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा ग्राम बनाने में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महावितरण के अध्यक्ष लोकेश चंद्रा, संचालक (संचालन) अरविंद भादीकर, संचालक (प्रकल्प) प्रसाद रेशमे के मार्गदर्शन में प्रादेशिक संचालक परेश भागवत, कार्यकारी संचालक (विशेष प्रकल्प) धनंजय औंढेकर, नागपुर परिमंडल के मुख्य अभियंता दिलीप दोडके, कार्यकारी अभियंता (प्रशासन) प्रदीप घोरुडे, देवली उपविभाग के उपकार्यकारी अभियंता प्रेम तेलरांधे, सहाय्यक अभियंता मयूर हेडाऊ, और जनमित्र संतोष आत्राम ने अथक प्रयास किए हैं।
यह पहल न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगी। रायपुर अब एक आदर्श गांव के रूप में सामने आया है, जो सौर ऊर्जा के उपयोग में अग्रणी है।