- लोक निर्माण विभाग आर्वी
PWD ठेका विवाद
ई-टेंडरिंग घोटाला
बेरोजगार ठेकेदार आंदोलन
टेकड़ीवाले बाबा दरगाह मरम्मत ठेका
प्रहार सोशल फोरम विरोध प्रदर्शन
बाला जगताप आंदोलन
महाराष्ट्र सरकारी टेंडर विवाद
टेकचंद मोटवानी Arvi आर्वी, 11 फरवरी, आर्वी में लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यकारी अभियंता प्रशांत सोलंके की कार्यप्रणाली के खिलाफ मंगलवार, 11 फरवरी को सुशिक्षित बेरोजगार ठेकेदारों ने ऑनलाइन ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के विरोध में अनूठा आंदोलन किया। इस दौरान, कार्यकारी अभियंता के कार्यालय के समक्ष डिग्री का तोरण बाँधा गया और डिग्रियों की प्रतियां फेंककर विरोध दर्ज कराया गया। इस आंदोलन का नेतृत्व प्रहार सामाजिक संस्था के अध्यक्ष बाला जगताप ने किया।
ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप
सरकार ने आष्टी स्थित टेकड़ीवाले बाबा दरगाह के मरम्मत कार्य के लिए 1 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी, जिसके लिए ऑनलाइन ई-टेंडर जारी किया गया। इस टेंडर में 12 ठेकेदारों ने भाग लिया, जिनमें आर्वी, आष्टी, कारंजा और वर्धा जिले के ठेकेदार शामिल थे।
हालांकि, योग्य ठेकेदारों को बिना किसी कारण बाहर कर दिया गया, और यह ठेका अमरावती जिले की एक एजेंसी को दे दिया गया। इससे आक्रोशित ठेकेदारों ने कार्यकारी अभियंता कार्यालय में बैठक कर अपनी शिकायतें रखीं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
प्रहार सोशल फोरम ने किया विरोध प्रदर्शन
इस अन्याय के खिलाफ ठेकेदारों ने प्रहार सोशल फोरम के संस्थापक अध्यक्ष बाला जगताप से न्याय की मांग की। लेकिन जब विरोध को दबाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया गया, तो आंदोलन और तेज हो गया।
आज, लोक निर्माण विभाग कार्यालय, आर्वी के सामने शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों ने अपनी डिग्रियों का तोरण बनाया और अपनी डिग्रियाँ फेंक दीं। उन्होंने कार्य प्रबंधन प्रणाली की कड़ी निंदा की।
सरकारी नियमों का उल्लंघन!
- पिछले दो वर्षों से सरकारी नियमानुसार लॉटरी के माध्यम से उप-जिलों को कार्य आवंटित करने के लिए कोई बैठक नहीं हुई।
- सरकारी निर्णय के अनुसार, उप-जिला अभियंताओं को 33% कार्य देने का नियम बनाया गया था, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।
- ई-टेंडरिंग उप-विभाग की बैठक भी पिछले एक वर्ष से नहीं हुई, ऐसा आरोप सुशिक्षित बेरोजगारों ने लगाया है।
निष्कर्ष
इस आंदोलन ने लोक निर्माण विभाग (PWD) की कार्यप्रणाली और ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में अनियमितता को उजागर किया है। सुशिक्षित बेरोजगार ठेकेदारों की यह मांग है कि सरकार निष्पक्ष टेंडर प्रक्रिया अपनाए और योग्य ठेकेदारों को उनका न्यायसंगत अधिकार मिले।