- राष्ट्रवादी कांग्रेस अजीत पवार की बैठक में हसन मुश्रीफ ने दी अपनी राय
- किसने की नाराजगी को बताया कारण
- इस प्रोजेक्ट को रद्द करने के लिए होंगे प्रयास
Nagpur नागपुर 13 जून: प्रस्तावित शक्तीपीठ हाईवे कोल्हापुर जिले के लगभग 40 गांवों से होकर गुजरता है। इस हाईवे के कारण कई किसानों के भूमिहीन होने का संकट मंडरा रहा है। यह शक्तीपीठ हाईवे रद्द करना पड़ेगा, यह बात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के ध्यान में लाई गई है, ऐसी जानकारी पालकमंत्री हसन मुश्रीफ ने दी है। कई किसानों को भूमिहीन बनाने वाले इस हाईवे को रद्द करने के लिए जरूरत पड़ने पर सर्वदलीय व्यापक जन आंदोलन की भी आवश्यकता है, यह बात मुश्रीफ ने व्यक्त की है। पालकमंत्री मुश्रीफ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है।
वर्धा जिले के दो तहसील, 20 गाव
सरकार की अधिसूचना के अनुसार समृद्धि मार्ग से जोड़कर ही यह मार्ग निकलेगा. पहले मार्ग पवनार से आरंभ होने जा रहा था़ परंतु तकनीकी कारण से वर्धा शहर से 6 किमी की दूरी पर स्थित येलाकेली इंटरचेंज से तीन किमी दूरी के बाद दिग्रज गांव के पास से यह मार्ग मुड़ेगा. जिसके बाद देवली, खर्डा होते हुए यवतमाल जिले की सिमा में पहुंचेगा. मार्ग के लिए वर्धा तहसील के सात तथा देवली तहसील के 13 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानेवाली है. जिसमें देवली शहर के समीप की जमीन भी अधिग्रहित होनेवाली है. इसमें वर्धा तहसील दिग्रज, पांढरकवड़ा, गणेशपुर, झाडगांव, तिगांव, रोठा, धोत्रा रेलवे तथा देवली तहसील की निमगांव, पड़ेगांव, चिकणी, देवली, इसापुर, काजलसरा, वाटखेड़ा, बाभुलगांव, सैदापुर, कर्मलापुर, वाबगांव, काशीमपुर, खर्डा गांव का समावेश है. वर्धा नदी क्रास करने के उपरांत कलंब तहसील के वंडली गांव से यह मार्ग आगे निकलेगा़
इन जिलों की तहसीलों से गुजरेगा मार्ग
शक्तिपीठ मार्ग यवतमाल जिले के कलंब, यवतमाल, घाटंजी, आर्णी, महागांव, उमरखेड़, नांदेड जिले के हातगांव, कनमनुरी, अर्धापुर, हिंगोली जिले के वसमत, परभणी जिले के पुर्णा, परभणी, सोनपेठ, बीड़ जिले के परली, अंबेजोगाई, लातुर जिले के रेनापुर, लातुर, औंसा, उस्मानाबाद जिले के उस्मानाबाद, तुलजापुर, सोलापुर जिले के बार्शी, मोहोल, पंढरपुर, सांगोला, आटपाडी, सांगली जिले के कवटे महाकाल, तासगांव, मिरज, कोल्हापुर जिले के शिरोल, हातकंगाले, करवीर, कागल, भुदरगड, आजरा, सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाडी के बांदा तक जमीन अधिग्रहित की जानेवाली है.
मुश्रीफ ने बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजितदादा पवार ने लोकसभा के नतीजों पर चर्चा करने के लिए मुंबई में पार्टी की बैठक बुलाई थी। उसमें मैंने स्पष्ट किया था कि शक्तीपीठ हाईवे के कारण किसानों के नाराजगी और आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ध्यान में भी यह बात लाई। इस बीच, इस मंत्रिमंडल बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित नहीं थे। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नागपुर से इस बैठक में शामिल हुए थे, इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। साथ ही महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के मंत्री दादा भुसे भी इस बैठक में मौजूद नहीं थे। इस बीच, पूर्व सांसद संजय मंडलिक ने भी मुंबई में हुई शिवसेना-शिंदे गुट की बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ इस विषय पर चर्चा की थी।
मुश्रीफ ने कहा कि महाराष्ट्र में और विशेष रूप से कोल्हापुर जिले में सड़कों का नेटवर्क पहले से ही मजबूत है। इसलिए इस नए हाईवे की कोई भी आवश्यकता नहीं है। साथ ही इस हाईवे के लिए वैकल्पिक मार्ग की मांग भी उचित और सही नहीं है।
वैकल्पिक हाईवे भी नहीं चाहिए
मुश्रीफ ने कहा कि यह प्रस्तावित शक्तीपीठ हाईवे रद्द कर वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग भी उचित और सही नहीं है। क्योंकि वैकल्पिक हाईवे भी उन्हीं किसानों की जमीन से होकर जाएगा। अगर इस मार्ग को रद्द करना है तो सभी को मिलकर एक बड़ा सर्वदलीय जन आंदोलन खड़ा करना होगा। जरूरत पड़ने पर, किसी भी कीमत पर इस हाईवे को रद्द करने के लिए प्रयास करेंगे, ऐसा उन्होंने कहा है।
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