कैटरीना देखने उमड़ी भीड़

  • बोर बाघ प्रकल्प में क्या खास
  • बोर बाघ प्रकल्प कैसे जाए
  • बोर में वन्य जीव कौनसे
  • बोर टाइगर रिजर्व की बाघिन लुभा रही

Wardha वर्धा 1 जून: विदर्भ के सबसे छोटे और पर्यटकों के लिए पसंदीदा पर्यटन क्षेत्र के रूप में बोर बाघ प्रकल्प ने अपनी पहचान बनाई है। प्रकल्प में जंगल सफारी करने वालों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। पर्यटकों की भीड़ की चलते यहां की बुकिंग हाउस फुल चल रही हैं। बोर की शान बाघिन कैटरीना पर्यटकों को खासा लुभा रही है । कभी अकेले तो कभी अपने तीन बछड़ों के साथ यहां या वहां घूमती नजर आ रही है। कैटरीना को देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही हैं। पर्यटकों में उत्साह नजर आ रहा हैं ।

वन्यजीवों को देखने की इच्छा सभी की होती है। इस कारण लोग अब तक दूर दराज के बाघ प्रकल्पों में जाते थे। लेकिन अब वर्धा जिले के पर्यटकों के लिए बोर प्रकल्प वन्य जीवों का खजाना बन गया हैं। वर्धा जिले के लोग अब दूर दराज के प्रकल्पों की बजाय अपने ही जिले को अधिक पसंद कर रहे है।

जिले के बोर प्रकल्प में एक से बढ़कर एक वन्य जीवों के दर्शन के अलावा कैटरीना बाघिन महत्वपूर्ण और आकर्षण का केंद्र है


बोर बाघ प्रकल्प में क्या खास
बोर प्रकल्प महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर से 65 किलोमीटर दूर है । जबकि वर्धा मुख्यालय से यह 30 से भी कम किलोमीटर की दूरी पर है । बोर प्रकल्प में बाघ, सियार भालू, सहित जंगली कुत्ते और बिल्लियां देखने को मिलती है । मोर यहां बड़े पैमाने पर है । विविध प्रकार के और प्रजातियों के पशु पक्षी या पर्यटकों को लुभा रहे है।

बोर बाघ प्रकल्प कैसे जाए

बोर प्रकल्प जाने के लिए सबसे करीब वर्धा रेलवे स्टेशन है । पर आप सीधे पहुंच सकते हैं। वर्धा से आगे जाने के लिए पर्यटकों को हिंगनी मार्ग से बाय रोड जाना होगा । बोर प्रकल्प पर्यटन के लिए कार अथवा जीप का उपयोग भी पर्यटक कर सकते हैं । ट्रेन से जाते समय बोर वन्य जीव प्रोजेक्ट बुटीबोरी रेलवे स्टेशन से 50 किलोमीटर दूरी पर है इस रास्ते भी बोर तक जा सकते हैं।

बोर में वन्य जीव कौनसे

बोर बाघ प्रकल्प वन्यजीवों की भरमार है। प्रकल्प में हुई हाल ही की गिनती में प्रकल्प में 6 तेंदुए, एक जंगली कुत्ता, भालू 18, चीतल 46, संभार 88, जँगली सुअर 250, नीलगाय, 250 वानर सहित 32 मोर गिनती में पाए गए है ।

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