- नशे को कहें ना जीवन को कहें हाँ- माधुरी दीदी
- प्रजा पिता ब्रह्माकुमारिज का कार्यक्रम
- 31 मई विश्व तम्बाखू निषेध दिवस
- नशा मुक्त भारत अभियान
- सरकार के साथ BK का साझा कार्यक्रम
- ब्रह्मा कुमारिज के अनेक कार्यक्रम
Wardha वर्धा 1 जून: वर्धा शहर में ब्रह्माकुमारिज विद्यालय में 31 मई विश्व तम्बाकु निषेध दिवस मनाया गया। इस अवसर पर नशे से दूर रहने एवं जनजागृति के लिए कार्यक्रम हुआ ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. सुनीता दिक्षीत गौड सिव्हिल हॉस्पिटल वर्धा, डॉ. प्रशांत वाडीभस्मे तालुका आरोग्य अधिकारी सेलू, राहुल बचूंडे नॅशनल टोबॅको कंट्रोल प्रोग्राम डिस्ट्रिक्ट काउन्सलर, ज्ञानेश्वर घुगे, सदस्य महिला सेवा मंडल,डॉ. उल्हास घोटकर इत्यादी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत बी.के. मधु बहेन ने किया | तत्पश्चात कार्यक्रम का लक्ष्य एवं उद्देश्य एवं संस्थान का परिचय रीना बहेन ने दिया । वर्धा सेवाकेंद्र संचालिका माधुरी दिदि ने विश्व तम्बाखू निषेध दिवस के बारे में बताया और कहा कि विश्व में हर साल 31 मई को विश्व तम्बाखू निषेध दीन मनाया जाता है | जिसका उद्देश्य लोगो को हानिकारक पदार्थो से बचाना है । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नशा जीवन को नर्क बना देता है।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक विश्व व्यापी संस्थान है जिसका मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान में है । और भारत सहित विश्व के 146 देशों में इसकी हजारों शाखाएं है जिसके माध्यम से राजयोग ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षा के द्वारा समाज में फैली विकृति और बुराईयाँ यौर नशे से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है। इसके साथ ही आगे उन्होंने कहा कि हाल ही में नशा मुक्त भारत के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू का MOU (Memorandum of Understanding) साईन हुआ है ।
जिसके तहत पूरे भारत में नशा मुक्ति अभियान के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है उसीके अंतर्गत आज यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया । लाखों भाई बहनों ने राजयोग मेंडिटेशन को अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन को नशा मुक्त कर बेहतर बनाया है ।
इसके अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज के द्वारा विभिन्न एक्टिविटीज के माध्यम से पूरे भारत में स्कूल, कॉलेज, विश्व विद्यालय, स्लम एरिया, एवं ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों, पुरुषो एवं महिलाओं के लिए अनेकानेक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे ।
कार्यक्रम में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए डॉ . सुनीता गौड ने कहा कि, व्यसन एक ऐसा मार्ग है जो धीमे जहर की तरह हमारे शरीर को नष्ट करता है ।
इसके कारण भारत में एक तिहाई कैंसर का कारण तंबाकू है । उन्होंने बताया की, किशोरावस्था में ही पहली बार व्यसन का प्रयोग अपने किसी मित्र के प्रभाव में आकर करते है इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपनी युवा पीढ़ी को इस व्यसन रुपी दलदल से बचाये। डॉ. उल्हास घोटकर ने कहा कि,
बच्चो को नैतिक रूप से मज़बूत होना चाहिए तम्बाकू के साथ साथ मोबाईल के व्यसनो से भी मुक्त होना जरूरी है।
आगे डॉ . प्रशांत वाडीभस्मे जी ने कहा की, आपने एक व्यक्ति को भी व्यसन से मुक्त किया तो आज का यह कार्यक्रम सफल हो जाएगा । भ्राता राहुल बुचूंडे जी ने कहा, जहाँ हा कहना आवश्यक है, वहां न कहना भी हमारे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसीलिए बच्चो को इन व्यसनों को पहली ही बार में न कहना चाहिए तथा एक बार भी चखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
इससे छुटकारा पाने के लिए उन्होंने राजयोग ध्यान के बारे में बताया और कहा कि राजयोग के द्वारा आप सहज ही इस व्यसनो से छुटकारा पा सकते हैं। जो व्यसन से दूर हैं, वे अपने आप को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक तथा बौद्धिक रूप से सदा काल के लिए स्वस्थ रख सकते है, अगर वह राजयोग का नियमित अभ्यास करे।
दीपप्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया । कुमारी रीत ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में सभी को तृप्ती बहेन ने राजयोग ध्यान का अभ्यास भी कराया । कार्यक्रम का सकुशल संचालन बी के. अपर्णा बहेन ने और आभार बी. के. मधु बहेन ने किया ।
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