- बारिश के दिनों में हादसा टालने की तैयारी
- शहर की इमारतों का होगा सर्वेक्षण
- वर्धा मुख्य अधिकारी भगत दिए सर्वेक्षण के आदेश
Wardha वर्धा : वर्धा वालों को अब जर्जर इमारतों में रहने के लिए स्ट्रक्चरल प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। नही देने पर कार्रवाई की गाज गिरेगी । नगर परिषद ने ऐसी जर्जर इमारतों का सर्वेक्षण शुरू कर रही है. न.प. की सूचनाओं का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी । जर्जर इमारतों में रहने वालो को अब स्ट्रक्चरल अभियंता से इमारत आडिट प्रमाणपत्र भी न.प. के पास जमा कराना होगा
मानसून को अभी समय है. लेकिन बेमाैसम बारिश ने ही वर्धा सहित अनेक जगहों पर धूम मचा रखी है । विशाल पेड़, पुरानी इमारतें पत्तों की तरह धराशाही हो रही है। ऐसे में नगर परिषद ने अपनी ओर से एहतियातन तैयारी शुरू कर दी है । मानसून की तेज हवा और बारिश से पुराने और जर्जर मकान कभी भी धराशाही होकर जान माल का नुकसान करने की आशंका है । इससे बचने के लिए नगर परिषद ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है ।
वर्धा के मुख्याधिकारी राजेश भगत ने बताया कि नगर परिषद के सर्वेक्षण के बाद संपति धारकों को नोटीस देकर जर्जर मकान छोड़ने अथवा जर्जर मकान की मरम्मत कराने की समझाइश देंगे । इसके बाद भी उपाय योजना नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी । जिन नागरिकों की इमारत रहने योग्य नहीं है । वे 2 वर्ष का अनुभव रखने वाले अभियंता का आडिट प्रमाणपत्र न.प. में पेश करना होगा ।
नाले के समीप के मकान की नींव की और आसपास की मिटटी पानी में बह जाती है जिससे मकान कभी भी धराशाही हो सकते हैं । जिससे जानमाल का नुकसान हो सकता है । ऐसे में पानी के बहाव, कटाव वाले क्षेत्र से आवासीय इमारत का निर्माण किया जाए । साथ ही मकान को धराशाही होने से बचाने के लिए आवश्यक उपाय योजना करना जरूरी है ।
मुख्याधिकारी भगत ने कहा कि नोटीस देने और कार्रवाई के बाद भी जान माल का नुकसान होने पर इसकी जिम्मेदारी नगर परिषद की नहीं होगी । सीओ भगत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व टैक्स विभाग को सूचना दी है । इमारतों का सर्वेक्षण करके संपति धारकों को नोटिस जारी किया जाएगा । नोटिस के बावजूद सुधार नहीं होने पर न.प. स्वयं इमारत ढहा देगी. ताकि बारिश, अतिवृष्टि में जानमाल का नुकसान ना हो ।