पाण्डेय के गणित संयंत्र को मिला पेटेंट

  • हिंदी विश्‍वविद्यालय के डॉ. पाण्डेय एवं उनकी टीम की सफलता
  • छात्र अब आसान एवं रोचक तरीके से सीख सकेंगे गणित

वर्धा : भारतीय लोकविद्या एवं विभिन्न नृजातीय समूह जैसे कुम्हार, बढ़ई, बुनकर इत्यादि की पम्परागत विद्या के माध्यम से गणित शिक्षण अधिगम को रोचक एवं ज्ञानवर्धक रूप से विद्यार्थियों के सम्मुख प्रस्तुत करने हेतु महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा के डॉ. हरीश पाण्डेय एवं उनकी टीम द्वारा निर्मित नृजातीय गणित सिद्धांत पर आधारित गणित अधिगम यंत्र को भारत सरकार द्वारा डिज़ाइन पेटेंट प्रदान किया गया है। टीम ने अनूठा उपकरण डिजाइन किया है जो स्कूली बच्चों को आसान और आकर्षक तरीके से गणित सिखाने में सक्षम है। भारत सरकार के डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक की ओर से डिवाइस को हाल ही में पेंटेंट प्रदान किया गया है। यह 17 इंच स्क्रीन का कॉम्पैक्ट डिवाइस है। इसे तैयार करने में  20 हजार रुपये खर्च हुए हैं। टीम का मानना है कि इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन में लागत आधी हो जाएगी। टीम में देश के अलग-अलग केन्द्रीय विश्‍वविद्यालयों के इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय, प्रयागराज के डॉ. मनीष कुमार गौतम, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के प्रो. कौशल किशोर एवं दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय के डॉ. किशोर कुमार शामिल हैं |

नृजातीयगणित आधारित शिक्षण अधिगम उपागम पर शोध कर चुके हिंदी विश्‍वविद्यालय के शिक्षा विभाग के सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. हरीश पाण्डेय ने बताया कि गणित सीखने के इस उपकरण को विकसित करने और कुम्हार जैसे भारतीय कारीगरों के पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करने में लगभग एक वर्ष से अधिक का समय लगा, जो अपने अनूठे तरीकों का उपयोग करके सटीक माप के साथ चीजें बनाते हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकी के एकीकरण के बाद, कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए गणित निर्देशों में काफी सुधार होगा, यही वह समय होता है जब छात्रों के बीच गणित का आधार विकसित होता है। छात्र इस डिवाइस से वास्तविक समय की प्रतिक्रिया के साथ अपनी प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं और गणित सम्प्रत्यों का विकास कर सकते हैं। नृजातीयगणित उपागम के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सुसज्जित होने के उपरांत यह अधिगम यंत्र विद्यार्थियों की गणितीय अभिक्षमता, कमजोरियों और सीखने के पैटर्न का विश्लेषण करेगा तदनुसार शिक्षण अधिगम सामग्री सहायता के साथ उचित निर्देश विद्यार्थियों के सम्मुख प्रस्तुत करेगा। डॉ गौतम ने बताया कि यह डिवाइस एआई एल्गोरिदम की सहायता से विभिन्न आयुवर्ग और कौशल स्तरों के विद्यार्थियों के लिए व्यक्तिगत और इंटरैक्टिव शिक्षण-अधिगम अनुभव प्रदान करेगा। प्रो. कौशल किशोर ने आगे जोड़ते हुए यह बताया कि गणित शिक्षण अधिगम का यह उपकरण विद्यार्थियों को व्यावहारिक सीखने के अनुभवों में संलग्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के इंटरैक्टिव अभ्यास, पहेलियाँ और सिमुलेशन प्रदान करेगा, जो प्रमुख रूप से गणितीय अवधारणाओं को सुदृढ़ करने और क्रांतिक सोच कौशल को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। डॉ. किशोर ने इसकी गणितीय शिक्षण उपयोगी विशेषताओ के बारे में बताया कि इस उपकरण में अभिप्रेरणा, पुरस्कार और प्रगति ट्रैकिंग जैसे गेमिफिकेशन तत्व शामिल हैं, जो विद्यार्थियों को लक्ष्यनिर्धारित करने, उनकी उपलब्धियों की निगरानी करने और निरंतर सुधार के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। तदनुसार यह कहा जा सकता है कि नृजातीय गणित सिद्धांत पर आधारित यह गणित शिक्षण-अधिगम उपकरण गणित शिक्षा को आनंददायक, ज्ञानवर्धक एवं गणितीय दुश्चिंता से मुक्त विद्यार्थियों को नवीन शिक्षण अधिगम अनुभव प्रदान करेगा।

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