- प्रदेश अध्यक्ष निलेश विश्वकर्मा ने कहा
- वंचित बहुजन आघाड़ी की वर्धा में पत्रकार परिषद
- बीना भेदभाव के विकास का दिया आश्वासन
वर्धा : जिस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता है. वह देश की संस्कृति की बात करती है. वंचित बहुजन आघाड़ी के संस्थापक प्रकाश आंबेडकर के विरोध में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा है. भाजपा का यही चैहरा है, ऊपर से कुछ और भीतर से अलग है. वंचित बहुजन आघाड़ी ने वर्धा लोकसभा क्षेत्र में शिक्षित उम्मीदवार के रूप में प्राध्यापक राजेंद्र सालुंके को उतारा है. लोकतंत्र बचाने के लिए सुशिक्षित लोगों को संविधान में पहुंचाना समय की आवश्यकता है. इसलिए वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवार को बहुमत देने की अपील वंचित बहुजन आघाड़ी के युवा आघाड़ी के प्रदेश अध्यक्ष निलेश विश्वकर्मा ने व्यक्त किए. वे वर्धा लोकसभा क्षेत्र में वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवार राजेंद्र सालुंके की पत्र परिषद में बोल रहे थे. वर्धा के गणराज हाॅटेल में आयोजित पत्र परिषद में वंचित बहुजन आघाड़ी के जिला अध्यक्ष मनोज वरखडे, जिला उपाध्यक्ष सुशांत खंडारे, अशोक रामटेके, विदर्भ जिला संयोजक समिति के दिगंबर पलटनकर उपस्थित थे.
विश्वकर्मा ने कहा कि विकास करते समय वंचित बहुजन आघाड़ी भेदभाव मान्य नहीं करती है. वर्तमान सांसद ने वरुड मोर्शी इलाके की ओर लगातार दुर्लक्ष किया है. ट्रेनों के स्टापेज की समस्या कोविड के बाद से कायम है. संसदीय क्षेत्र से संपर्क नहीं रखने के कारण आखिर स्थानीय लोगों ने सांसद लापता के नाम के फलक तक लगा दिए थे. ऐसे में जनता के बीच रहकर काम करनेवाले सांसद को चुनना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवार ने कहा कि बीते दस साल में सांसद तड़स ने कोई उद्योग जिले में स्थापित नहीं किया है. लोकसभा चुनाव जितने के बाद सालंखुे ने एमआइडीसी में उद्योग स्थापित करने को पहली प्राथमिकता दी है. अपने घोषणापत्र में सालुंखे ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की नींव को मजबूत किया जाएगा. वर्धा में नाट्यगृह का निर्माण भी उनकी प्राथमिकता है. जिला परिषद की स्कूलों का नवीनीकरण, उनके मूलभूत ढांचे में परिवर्तन, विकास करना प्राथमिकता होगी. किसानों को लिए पगडंडी मार्ग की समस्या गंभीर है. इसलिए पगडंडी मार्ग बनाने पर विशेष जोर होगा. किसानों के उत्पादन को उचित दाम दिलाने के लिए संसद में आवाज उठाई जाएगी.