- पहली बार हुआ लीवर ट्रान्सप्लांन्ट
- मुंबई के 55 वर्षीय मरीज को मिला नवजीवन
- राकेश सातपुते युवक का लिवर किया ट्रान्सप्लाँन्ट
नागपुर : वर्धा जिले के सावंगी मेघे स्थित आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल में पहली बार लीवर ट्रान्सप्लॉन्ट की शल्यक्रिया सफलता पूर्वक कीगई है. मरीज के पूर्ण उपचार के बाद उसे छुटटी दे दी गई है. यह जानकारी अस्पताल के मुख्य वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर महाकालकर ने दी है. आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल में अब तक ब्रेन डेड अवस्था में पहुंचे मरीजों के अंगदान कर 18 किडनी ट्रान्सप्लांट शल्यक्रिया सफलता से पूर्ण की गई है. लेकिन कैडेवरिक लिवर ट्रान्सप्लांट शल्यक्रिया विदर्भ में नागपुर शहर के अलावा विदर्भ में पहली बार सावंगी के अस्पताल में की गई है. नागपुर निवासी राकेश सातपुते (24) ब्रेन डेड युवक के अंगदान से एक जरूरतमंद मरीज को नवजीवन मिला है. अस्पताल में भर्ती मुंबई निवासी 55 वर्षीय मरीज की लिवर ट्रॉन्सप्लांट शल्यक्रिया डाॅ. रवी मोहनका, डाॅ. प्रशांत राव, डाॅ. विनायक निकम, डाॅ. आर. के. शिंदे ने पूर्ण की. इस शल्यक्रिया के लिए झेडटीसीसी यानी क्षेत्रीय अंगदान ट्रान्सप्लांट समिति के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ शल्यचिकित्सक डॉ. संजय कोलते, बधिरीकरण विशेषज्ञ डाॅ. अमेया पंचवाघ, डाॅ. सौरभ कामत, डाॅ. माधवी नायक, डाॅ. विवेक चकोले, वैद्यकीय अधीक्षक डाॅ. चंद्रशेखर महाकालकर, डाॅ. शिवानी क्षीरसागर, ट्रान्सप्लाँन्ट समन्वयक डॉ. रुपाली नाईक, प्रशासकीय अधिकारी डॉ. विट्ठल शिंदे ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया. पहली लिवर ट्रान्सप्लाँन्ट शल्यक्रिया सावंगी के आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल के लिए व मरीज के लिए बेहद महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक है. सफल उपचार के बाद मरीज घर पहुच गया है. अस्पताल के चिकित्सकों ने उसके दीर्घ आयु की कामना की गई है. वर्धा जैसे छोटे शहर में अत्याधुनिक सुविधा वाले आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल में अनेक अत्याधुनिक सेवा और सुविधाएं उपलब्ध है. नागपुर, गोंदिया, गढचिरोली, भंडारा, चंद्रपुर, अमरावती सहित अनेक बड़े शहरों के मरीज भी इसी अस्पताल में उपचार के लिए आते हैं. वर्धा में कस्तूरबा अस्पताल सेवाग्राम के अलावा यही एक दूसरा बड़ा मेडिकल काॅलेज है. जो अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है.